56 years ago, this woman scientist had detected the corona virus.
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कोरोना वायरस जिसका नाम सुनते ही अच्छे अच्छे लोगों का पसीना छूट जाता है, दुनिया के लगभग 209 देश तबाह हो चुके हैं, 24.77 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं और 1.75 लाख से जयदा मौतें हो चुकी हैं, उस खतरनाक वायरस को आज से 56 साल पहले सन्न 1964 में ही डॉ. जून अल्मीडा नामक महिला वैज्ञानिक ने कर ली थी। इस खतरनाक वायरस की खोज के अलावा उनके नाम HIV की पहली हाई-क्वालिटी तस्वीर भी निकलने का भी श्रेय है।
सन्न 1930 में स्कॉटलैंड के ग्लासगो शहर के उत्तर-पूर्व में स्थित एक बस्ती में रहने वाले बेहद साधारण परिवार में जून अल्मीडा का जन्म हुआ था। अल्मीडा के पिता एक मामूली बस ड्राइवर थे। घर की आर्थिक दशा ठीक न होने की कारण जून अल्मीडा को 16 साल की उम्र में स्कूल की पढ़ाई छोड़नी पड़ी थी। इस विषाणु वैज्ञानिक का बचपन बेहद गरीबी में गुजरा। लेकिन बिना किसी डिग्री के विषाणु शोध क्षेत्र में उन्होंने अपना एक अलग ही मुकाम बनाया। अलमेडा का मन नई चीजों की रिसर्च में अधिक लगता था।
16 साल की उम्र में ही उन्हें ग्लासगो रॉयल इन्फर्मरी में लैब टेक्नीशियन की नौकरी मिल गई। धीरे-धीरे उनका मन इस काम में लगने लगा और फिर इसी को अपना करियर बना लिया। कुछ महीनों के बाद ज्यादा पैसे कमाने के लिए वे लंदन आईं और सेंट बार्थोलोमियूज हॉस्पिटल में बतौर लैब टेक्नीशियन काम करने लगीं। इसके बाद सन्न 1964 में लंदन के सेंट थॉमस मेडिकल स्कूल ने उन्हें नौकरी का ऑफर दिया।
यहां उन्होंने ड्यूड टायरल के साथ मिल कर काम करना शुरू। डॉक्टर ड्यूड नजला-जुकाम पर शोध कर रहे थे। शोध के दौरान एकत्र किए गए सभी नमूनों में उन्हें सामान्य सर्दी-जुकाम के दौरान पाए जाने वाले वायरस दिख रहे थे लेकिन एक नमूना जिसे B-814 नाम दिया गया बाकी अन्य नमूनों से सबसे अलग था। डॉक्टर ड्यूड ने ये सैंपल जून अलमेडा को भेजा। उन्होंने इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोप के जरिए खोज की कि ये वायरस इनफ्लूएंजा की तरह दिखता तो है, पर ये वो नहीं, बल्कि उससे कुछ अलग है। सूर्य के कोरोना की तरह कंटीला और गोल, यही पहला इंसानी कोरोना वायरस कहलाया। इतना ही नहीं, उन्होंने यह भी बताया कि हमें दो एक जैसे वायरस मिले हैं। पहला मुर्गे के ब्रोकांइटिस में और दूसरा चूहे के लिवर में। उन्होंने एक शोधपत्र भी लिखा, लेकिन वह रिजेक्ट हो गया, अन्य वैज्ञानिकों ने कहा कि तस्वीरे बेहद धुंधली हैं।
(डॉ. जून अल्मीडा द्वारा खोजे गए कोरोना वायरस की पहली तस्वीर)
डॉ. जून अल्मीडा का निधन 2007 में 77 साल की उम्र में हुआ। अब उनकी मृत्यु के 13 साल बाद दुनिया भर में फैले कोरोना वायरस संक्रमण को समझने में उनकी रिसर्च की मदद मिल रही है।