Do you know the meaning of these constitutional terms – citizenship, fundamental rights, fundamental duties?
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नागरिकता:-
भारत का संविधन पूरे भारत वर्ष के लिए एकल नागरिकता की व्यवस्था करता है। प्रत्येक व्यक्ति जो संविधान लागू होने के समय (26 जनवरी 1950) भारत के अधिकार क्षेत्र में निवास करता था और (क) जिसका जन्म में हुआ है या (ख) उसके माता पिता में से एक भारत में जन्म लिया हो या (ग) जो कम से कम पांच वर्षों तक साधारणत् भारत में रहा है, वह भारत का नागरिक हो गया। नागरिकता अधिनियम, 1955 संविधान लागू होने के बाद भारतीय नागरिकता की प्राप्ति, निर्धारण और रद्द करने की संबंध में है।
मौलिक अधिकार:-
संविधान सभी नागरिकों के लिए व्यष्टि और सामूहिक रूप से कुछ बुनियादी स्वतंत्रता देता है। इनकी मौलिक अधिकारों की छह व्यापक श्रेणियों के रूप में संविधान में गारंटी दी जाती है जो न्यायोचित हैं। संविधान के भाग III में सन्निहित अनुच्छेद 12 से 35 मौलिक अधिकारों के संबंध में है। ये हैं:
- समानता का अधिकार जिसमें कानून के समक्ष समानता, धर्म, वंश, जाति लिंग या जन्म स्थान के आधार पर भेदभाव का निषेध शामिल है, और रोजगार के संबंध में समान अवसर शामिल है।
- भाषा और विचार प्रकट करने की स्वतंत्रता का अधिकार, जमा होने संघ या यूनियन बनाने, आने-जाने, निवास करने और कोई भी जीविकोपार्जन एवं व्यवसाय करने की स्वतंत्रता का अधिकार (इनमें से कुछ अधिकार राज्य की सुरक्षा, विदेशी देशों के साथ भिन्नतापूर्ण संबंध सार्वजनिक व्यवस्था, शालीलनता और नैतिकता के अधीन दिए जाते हैं)।
- शोषण के विरुद्ध अधिकार, इसमें बेगार, बाल श्रम और मनुष्यों के व्यापार का निषेध किया जाता है।
- आस्था एवं अन्त:करण की स्वतंत्रता, किसी भी धर्म का अनुयायी बनना, उस पर विश्वास रखना एवं धर्म का प्रचार करना इसमें शामिल हैं।
- किसी भी वर्ग के नागरिकों को अपनी संस्कृति सुरक्षित रखने, भाषा या लिपि बचाए रखने और अल्पसंख्यकों को अपनी पसंद की शैक्षिक संस्थाएं चलाने का अधिकार; और
- मौलिक अधिकार के प्रवर्तन के लिए सांवैधानिक उपचार का अधिकार।
मौलिक कर्त्तव्य:-
वर्ष 1976 में अपनाए गए 42वां संविधान संशोधन के द्वारा नागरिकों के मौलिक कर्तव्यों को सूचीबद्ध किया गया है। संविधान के भाग IV में सन्निहित अनुच्छेद 51 ‘क’ मौलिक कर्तव्यों के बारे में है। ये अन्य चीजों के साथ साथ नागरिकों को, संविधान का पालन करने, आदर्श विचारों को बढ़ावा देने और अनुसरन करने का आदेश देता है, जिससे भारत के स्वंतत्रता संग्राम को प्रेरणा मिली थी, देश की रक्षा करने और जब बुलावा हो तो देश की सेवा करने और सौहाद्रता एवं समान बंधुत्व की भावना विकसित करने एवं पारा धार्मिकता का संवर्धन करने, भाषाविद् और क्षेत्रीय एवं वर्ग विविधताओं का विकास करने का आदेश देता है।