भारत में पहले से ही है जब खाद्य गुणवत्ता के लिए FSSAI तो क्यों है ये हलाल सर्टिफिकेशन

भारत में पहले से ही है जब खाद्य गुणवत्ता के लिए FSSAI तो क्यों है ये हलाल सर्टिफिकेशन

India already has FSSAI for food quality, why is this halal certification.

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आजकल हलाल सर्टिफिकेट का बड़ा शोर मचा हुआ है, देश में सवाल उठ रहे हैं कि जब भारत सरकार ने पहले से ही FSSAI जैसे उच्च मानक वाले संस्थान बना रखे हैं तो अलग से हलाल सर्टिफिकेट क्यों? तो आइये सबसे पहले FSSAI हलाल और झटका किसके सन्दर्भ में है, ये ही समझ लेते हैं –

FSSAI – भारत में FSSAI (Food Safety and Standards Authority of India) भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण को देश में बिकने वाले खाद्य पदार्थों की शुद्धता जांचने के उद्देश्य से 5 अगस्त सन् 2008 से शुरू किया गया था। इसको खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम, 2006 के अनुसार ही प्रयोग में लाया गया था।

हलाल मांस- जिस जानवर को मारा जाना है, उसका सिर मक्का/काबा की तरफ होना चाहिए और इस्लामिक प्रार्थना बिस्मिल्लाह का उच्चारण होना चाहिए. इसमें जानवर को एक धीमी प्रक्रिया द्वारा मारा जाता है। इस में जानवर का वध केवल मुस्लिम कसाई द्वारा ही किया जा सकता है।

झटका मांस- जानवर को एक ही वार द्वारा तुरंत मार दिया जाता है, जैसा कि नाम से पता चलता है “एक ही झटके में”। इस मामले में जानवर के सिर को किसी विशेष दिशा में करने या किसी भी तरह की प्रार्थना का उच्चारण करने का कोई विशिष्ट नियम नहीं है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि कोई भी वध कर सकता है।

भारत में मौजूद हलाल सर्टिफिकेशन समितियों में से कुछ के नाम नीचे दिए हैं।

  1. Jamiat Ulama-E-Hind – http://halalhind.com/
  2. Jamiat Ulama-i-Hind Halal Trust – https://www.jamiathalaltrust.org/
  3. Halal India – https://halalindia.co.in/
  4. Global Islamic Shariah Services  – https://www.halalcertificationindia.com/
  5. Halal Certification Services India Private Limited (HCS) – https://halalcertificate.in/
  6. Halal Council of India – https://halalcouncilofindia.com/

हलाल इंडिया के कार्यकारी निदेशक मोहम्मद जिन्ना हलाल सर्टिफिकेशन के बारे में कहते हैं कि यह एक स्वच्छ आपूर्ति श्रृंखला और अनुपालन को दर्शाता है जो सोर्सिंग से लेकर निष्पक्ष व्यापार प्रथाओं तक सब कुछ कवर करता है। उत्पाद किसी भी रसायन और अल्कोहल से मुक्त होना चाहिए, पशु व्युत्पन्न (जानवरों की चर्बी या कीड़ों से रंगा हुआ), हलाल सौंदर्य प्रसाधन भी दूध डेरिवेटिव और मोम से मुक्त होने चाहिए और उनका परीक्षण पशुओं पर नहीं होने चाहिए”।

 स्वराज्य के वरिष्ठ संपादक अरिहंत पवरिया जी बताते हैं कि किस प्रकार जमीअत उलेमा-इ-हिन्द आतंकवाद के मामलों में आरोपी एक समुदाय विशेष के लोगों को लगातार कानूनी समर्थन प्रदान करता है

अब जानिए क्यों हो रहा है हलाल सर्टिफिकेट का देश में विरोध। हलाल सिर्फ और सिर्फ मांस तक सीमित नहीं है। भारत में मौजूद हर दूसरी छोटी-बड़ी कंपनी हलाल सर्टिफाइड हो चुकी है और बाकि भी होने के कगार पर हैं। ऐसी हर एक कंपनी प्रत्येक वर्ष इन हलाल बोर्ड्स को एक बड़ी राशि का भुगतान कर रही है। उदाहरण के लिए:- Britannia, Parle, Hamdard, Hindustan Unilever Limited, Tata Chemicals Limited, India Gelatine and Chemicals Limited, Glaxo Smith Kline Consumer Healthcare, Iba, Banjara’s, Emami, Cavin-Kare, Morgain Group, Tejas Naturopathy, Indus Cosmeceuticals, Maja Healthcare, VCare Pharcos etc.

ज़्यादातर भारतीय कंपनियाँ अपने उत्पादों को विदेशों में निर्यात करती हैं। जब इन कंपनियों को किसी इस्लामिक देश में निर्यात करना होता है तब हलाल सर्टिफिकेशन लेना अनिवार्य है और यहीं से हलाल सर्टिफिकेशन की शुरुआत हुई। जब इनका माल इस्लामिक देशों में भेजा जाता है तो वो इस बात को गर्व से कहतीं हैं कि ये हलाल सर्टिफाइड है, जबकि भारत में विरोध के चलते न तो वे लोगो छापते हैं और ना ही सर्टिफिकेट। जबकि हलाल के users मात्र 6 -7% ही हैं बाकियों को तो फर्क भी नहीं पड़ता कि ये किससे सर्टिफाइड है।

सबसे महत्वपूर्ण सवाल ये है कि क्या ये हलाल समितियाँ FSSAI यानि एक तरह से भारत सरकार के लिए एक चुनौती है या उनकी सहयोगी?

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