Know how was Irfan Khan’s childhood, marriage and film career started.
बॉलीवुड से हॉलीवुड तक नाम रोशन करने वाले फिल्म अभिनेता और साल 2018 में न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर जैसी गंभीर बीमारी को मात देने वाले इरफान खान का बुधवार को मुंबई के कोकिलाबेन अस्पताल में कोलन इन्फेक्शन के चलते निधन हो गया।
साल 2019 के दौरान जब वे अंग्रेजी मीडियम की शूटिंग के लिए उदयपुर में थे, तो उन्होंने कीमोथेरेपी के लिए समय न मिल सका। हालाँकि अंदरूनी तौर से बीमार तो थे मगर इसका अहसास उनके चेहरे और एक्टिंग में कभी नहीं हुआ। अपने किरदार को इतनी बखूबी निभाते थे कि किसी भी दर्द का अहसास उनके फिल्म के ऊपर न पड़े।
राजस्थान के जयपुर में साहबजादे यासीन अली खान और सैयदा बेगम के घर में इरफ़ान खान का जन्म 7 जनवरी 1967 के दिन हुआ था। इरफ़ान के अलावा उनके दो भाई इमरान खान, सलमान खान और एक बहन भी हैं। इरफ़ान को बचपन से ही क्रिकेट खेलने का शौक था मगर उनकी मान उनको लेक्चरर बनाना चाहती थी जिसकी झलक उनकी एक्टिंग में भी देखने को मिलती थी।
बड़ा होने पर कोई डॉक्टर बन जाता है तो कोई एक्टर। बड़ा होने पर चाहे हम कुछ भी बन जाएँ पर सभी को अपने बचपन के दिनों की याद तो आती ही है। बचपन के दिन सबसे मजेदार होते हैं। इन दिनों की घटनाएँ बड़ा हो जाने पर ही कहीं ना कहीं याद आती ही है।
M.A. की पढ़ाई करते समय उन्हें नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा की तरफ से स्कॉलरशिप प्राप्त हुई। यहाँ इनकी मुलाकात सूतापा सिकदर से हुयी और बाद में इन्होने उनसे प्रेम विवाह कर लिया। आज इन दोनों के दो बेटे बाबिल और आयन है।
एक्टिंग की शुरुआत धारावाहिकों से हुयी – कथा सागर, चाणक्य, चंद्रकांता, दी ग्रेट मराठा और 1988 में भारत एक खोज। यहाँ संघर्षशील इरफान ने अपनी एक्टिंग लोहा मनवा लिया। एक मज़बूत किरदार को निभाने की तड़प ने इरफ़ान को 1988 में आयी फिल्म “सलाम बोम्बे” में पहला ब्रेक दिलाया, लेकिन इनकी असली पहचान “दी वॉरियर’ नमक एक ब्रिटिश फ़िल्म को बाफ्टा अवार्ड मिलने के बाद मिली।
उनके बोलने का अंदाज और अभिनय के अंदाज में लोगों को उनका दीवाना बना दिया, फिर तो उन्हें पीछे मुड़कर देखने का मौका ही नहीं मिला। उन्होंने बॉलीवुड में मक़बूल, लंचबॉक्स, मदारी, पान सिंह तोमर, पीकू, एसिड फैक्ट्री, जज्बा, तलवार, हिंदी मीडियम, हैदर, सहित बहुत सी हिंदी फिल्मों के साथ हॉलीवुड में सच अ लोंग जर्नी, द नेमसेक, दार्जिलिंग लिमिटेड, द अमेजिंग स्पाइडर मैन, और जुरासिक वर्ल्ड जैसी लीजेंडरी फिल्मों में अपनी बेहतरीन अदाकारी दिखाई।
सर्वश्रेष्ठ अभिनेता बनने वाले इरफान सिंह ने पान सिंह तोमर फिल्म के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का अवार्ड अपने नाम किया। साल 2013 में फिल्म लंच बॉक्स के लिए भी अवार्ड प्राप्त हुए। हिंदी मीडियम के लिए भी वे बेस्ट एक्टर का अवार्ड भी जीत चुके हैं।
Here's an official statement on #IrrfanKhan's last rites. pic.twitter.com/QBJGpIy4Bq
— Box Office India (@boxofficeindia) April 29, 2020
एक दमदार व्यक्तित्व और कला के धनी इरफ़ान खान को एक महान कलाकार के लिए सबके दिलों में समा चुके हैं। वो एक मुस्लिम एक्टर होते हुए भी हिन्दुओं और अन्य धर्मों के लोगों के दिल में उतनी ही इज़्ज़त मिलती है।