चीनी सामानों से कब करेगा भारत तौबा, सारे के सारे चीनी रैपिड टेस्ट किट निकले खराब।

चीनी सामानों से कब करेगा भारत तौबा, सारे के सारे चीनी रैपिड टेस्ट किट निकले खराब।

When will India stop using Chinese goods, all the Chinese rapid test kits are spoiled.

#IndiaFightsCorona #ChineseBrands #RapidTestKits 

मुफ्त के पैसे खाने की लत चीन को बहुत बुरी तरह से जकड़ चुकी है, कोरोना संकट काल में भी वो अपनी चालबाज़ियों से बाज़ नहीं आ रहा है। जहाँ पूरी दुनिया में उद्योग धंधे बंद हैं वहीँ चीन ने अपने यहाँ के मेडिकल निर्माण उद्योगों को चालू कर दिया है ताकि अपनी चालाकी से अपना घटिया माल दुनियाँ को खरीदने पर विवश कर सके। अभी हाल ही में पाकिस्तान को सर्जिकल मास्क की जगह चीन अन्तःवस्त्रों के मास्क भेज चुका है, जिसे पूरी दुनियाँ ने देखा और अब भारत में चीन से मंगाए कोरोना वायरस की जाँच के लिए बनी रैपिड टेस्टिंग किट घटिया किस्म के निकले हैं, जिसे भारत सरकार ने एक सिरे से प्रयोग करने के लिए नकार दिया। सरकार की मेडिकल टीम ने कोरोना वायरस की जाँच के लिए बनी रैपिड टेस्टिंग किट को कई बार नकली और गलत नतीजे दिखाने वाली पाया।

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कंपनी के चेयरपर्सन योंग शिक चो को दक्षिण कोरिया में भारत की राजदूत श्रीप्रिया रंगनाथन ने बुलाया था ताकि वे COVID-19 महामारी से निपटने की कंपनी की गतिविधियों और योजनाओं के बारे में बातचीत कर सकें। अब चीन के स्थान पर दक्षिण कोरियाई कम्पनी की भारतीय सब्सिडियरी कम्पनी एसडी बायोसेंसर की हरियाणा के मानेसर में कोरोना वायरस की जाँच के लिए रैपिड टेस्टिंग किट का उत्पादन शुरू किया है। इस कंपनी की उत्पादन की क्षमता 5 लाख किट है, जो अब कोरोना वायरस महामारी के प्रसार के बीच प्रयोग के लिए उपलब्ध हो गयी हैं। दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल में स्थित भारतीय दूतावास ने अपने एक बयान में कहा है – दक्षिण कोरियाई कम्पनी की भारतीय सब्सिडियरी कम्पनी SD Biosensor  ने भारत के हरियाणा शाखा से पांच लाख रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट का उत्पादन शुरू कर दिया है, जिसमें 5 लाख किट उत्पादन की क्षमता है। दक्षिण कोरिया की यह कंपनी भारत में तेजी से उत्पादन अपने प्रभाव को बढ़ाने के लिए भी कर रही है।

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