Simplification should be made in the Revenue Code for speedy justice in revenue disputes.
#UttarPradesh #RevenueCode #RevenueDispute
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता के प्राविधानों का सरलीकरण किया जाए। इससे राजस्व विवादों में शीघ्रता से न्याय दिलाया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि राजस्व संहिता में सरलीकरण इस प्रकार किया जाए कि राज्य में औद्योगिक विकास गतिविधियों को त्वरित गति से आगे बढ़ाने के लिए भूमि की उपलब्धता तथा उपेक्षित वर्ग को भौमिक अधिकार सुनिश्चित हो सके।
मुख्यमंत्री जी ने यह विचार आज यहां अपने सरकारी आवास पर उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता-2006 में संशोधन सम्बन्धी प्रस्तुतीकरण के दौरान व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि भूमि और सीमा सम्बन्धी विवाद प्रायः आपराधिक घटनाओं का आधार बन जाते हैं। राजस्व संहिता मंे प्रक्रियात्मक सुधार कर विवादों का शीघ्रता से समाधान किया जा सकता है। इससे भूमि व सीमा आदि विवादों के कारण होने वाली घटनाओं को रोका जा सकेगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राजस्व संहिता के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में गोचर भूमि, खाद का गड्ढा, तालाब, श्मशान आदि के लिए अनिवार्य रूप से भूमि आरक्षित की जानी चाहिए। उन्होंने राजस्व संहिता में संशोधनों को व्यावहारिक बनाने और इसके क्रियान्वयन में आधुनिक तकनीक के प्रयोग पर बल दिया। इस दौरान उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता नियमावली-2016 में संशोधन तथा उत्तर प्रदेश अवशेष निष्क्रान्त सम्पत्ति प्रबन्धन एवं निस्तारण अधिनियम-2020 के सम्बन्ध में भी प्रस्तुतीकरण किया गया।
इस अवसर पर राजस्व राज्यमंत्री श्री विजय कश्यप, मुख्य सचिव श्री आर0के0 तिवारी, राजस्व परिषद के अध्यक्ष डाॅ0 दीपक त्रिवेदी, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त श्री आलोक टण्डन, अपर मुख्य सचिव राजस्व श्रीमती रेणुका कुमार, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री श्री एस0पी0 गोयल एवं श्री संजय प्रसाद, राहत आयुक्त श्री संजय गोयल, आयुक्त व सचिव राजस्व परिषद श्रीमती मनीषा त्रिघाटिया सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।