चीन की विस्तारवादी सोच का परिणाम है – कोरोना का जन्म

चीन की विस्तारवादी सोच का परिणाम है – कोरोना का जन्म

The result of China’s expansionist thinking – the birth of Corona.

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आइये इन सवालों के माध्यम से समझने की कोशिश करते हैं कि चीन के मन में कितनी कुटिलता छुपी हुयी है और इस समय जब पूरी दुनिया के शेयर मार्किट धड़ाम हो रहे हैं तो ये कैसे ताबड़तोड़ खरीदारी में लगा हुआ है। साथ ही पूरी दुनिया के सामने अच्छे नकाब को लगाकर उनको मेडिकल सप्लाइज भी दे रहा है ताकि मोटा मुनाफा कमाया जा सके क्यूंकि कोई भी देश अभी इस हालत में नहीं है कि वह किसी भी प्रकार का उत्पादन कर सके। इसी मज़बूरी का फायदा चीन उठा रहा है।

1) जहां पूरी दुनिया इससे प्रभावित हो रही है, वहीं चीन में वुहान के अलावा यह क्यों कहीं नहीं फैला? चीन की राजधानी आखिर इससे अछूती कैसे रह गयी?

2) प्रारंभिक अवस्था में चीन ने पूरी दुनिया से इस वायरस के बारे में क्यों छुपाया?

3) कोरोना के प्रारंभिक सैंपल को नष्ट क्यों किया?

4) इसे सामने लाने वाले डॉक्टर (Li Wenliang) और पत्रकार (Fang Bin) को खामोश क्यों किया? पत्रकार को तो गायब ही कर दिया गया है?

5) दुनिया के अन्य देशों ने जब सूचना साझा करने को कहा तो उसने सूचना साझा क्यों नहीं किया? मना क्यों किया?

6) कोरोना मानव से मानव में फैलता है, इसे छुपाने के लिए WHO के कम्युनिस्ट निदेशक का उपयोग क्यों किया गया? WHO के निदेशक जनवरी में “बीझिंग (चीन)” में क्या कर रहे थे?

7) WHO 14 जनवरी तक यह ट्वीट क्यों करता रहा कि – “किसी भी अंतरराष्ट्रीय उड़ान के लिए कोई गाइडलाइन जारी करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि यह मानव से मानव में नहीं फैलता है।” आज साबित हो गया कि कोरोना मानव से मानव में फैलता है। तो फिर WHO ने झूठ क्यों बोला ?

8) वुहान से एकसाथ 50,00,000 लोगों को बिना मेडिकल जांच किए  दुनिया के अलग-अलग हिस्से में क्यों भेजा गया ?

9) इटली में 6 फरवरी तक मामूली केस था। एकाएक चीनी ‘हम चीनी हैं वायरस नहीं, हमें गले लगाइए।’ प्लेकार्ड के साथ दुनिया के पर्यटन स्थल ‘सिटी ऑफ लव’ के नाम से मशहूर इटली के लोगों को गले लगाने क्यों पहुंचे ?

10) पूरी दुनिया आज चीन और WHO को संदेह की नजर से देख रही है और ताज्जुब देखिए कि एक ही दिन चीन और WHO, दोनों भारत की तारीफ में उतर आए! क्या यह महज संयोग है?

11) और इसके अगले ही दिन भारत में चीन के राजदूत ट्वीट कर उम्मीद करते हैं कि भारत इंटरनेशनल कम्युनिटी में उसकी पैरवी करे। आखिर क्यों? नेहरू की एक गलती का खामियाजा हम भुगत चुके हैं।

12) सार्क से लेकर G-20 तक की बैठक पीएम मोदी के कहने पर हो रही है‌। संकट के समय भारत वर्ल्ड लीडर के रूप में उभरा है। इटली, जर्मनी, स्पेन, फ्रांस, ब्रिटेन, अमेरिका तक जब कैरोना से निबटने में असफल हो रहे हैं तो पीएम मोदी की पहल पर भारत इससे कहीं बेहतर तरीके से डील कर रहा है।

13) चीन इस बात से क्यों ऐतराज करता रहा है कि वहां से निकले इस वायरस का नाम वुहान वायरस या चाइनीज़ वायरस के नाम से न बुलाया जाय जबकि दुनिया में किसी न किसी जन्म लेने वाले वायरस का नाम वहां से जोड़ा गया है।

 

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