What does it mean to declare Afghanistan an Islamic Emirate?
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आज भी अगर किसी कानून की आलोचना होती है तो उसे तालिबानी कानून का उपमा दिया जाता है। जब 1996 में तालिबान ने अफगानिस्तान की सत्ता को हथिया लिया था तो उस वक्त तालिबान ने अफगानिस्तान को एक नए नाम से बुलाया था- ‘इस्लामिक एमिरेट ऑफ अफगानिस्तान’l इसकी मान्यता सिर्फ पाकिस्तान, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और तुर्कमेनिस्तान ही देता रहा है। उस समय तालिबान ने पूरे अफगानिस्तान में शरिया कानून लागू कर रखा था, जिसके तहत काफी क्रूर सजा दी जाती थी। ऐसा बताया जाता है कि अफगानिस्तान की स्थिति पाषाण युग जैसी हो गयी थी।
महिलाओं को सार्वजनिक तौर पर प्रताड़ित करने के लिए कुछ इस्लामिक देश कुख्यात रहे हैं और इसी को लेकर ब्रिटेन की तरफ से कहा गया था कि दुनिया में एक और इस्लामिक अमीरात नहीं बनने देंगें बस इसी बात का जवाब देने के लिए तालिबान ने अफगानिस्तान को अपने द्वारा दिए गए नाम- ‘इस्लामिक एमिरेट ऑफ अफगानिस्तान’ से बुलाना शुरू कर दिया हैl दरअसल इनके झंडे में एक सन्देश साफ़ साफ़ लिखा है- “दुनिया में कोई ईश्वर नहीं है सिर्फ अल्लाह है” और बाकि मुस्लिम देश भी इसका समर्थन करते हैं ये सभी मुस्लिम देश (Organisation of Islamic Cooperation (OIC)) अपने आपको अल्लाह के राज्य में अधीन प्रदेश मानते हैं इसी वजह से अफगानिस्तान को तालिबान ‘इस्लामिक एमिरेट ऑफ अफगानिस्तान’ के नाम से बुलाता है।
दुनिया में मुसलमानों की भारी संख्या में 87-90% के बीच सुन्नी है। शिया और अन्य समूह शेष मुस्लिम आबादी का करीब 10-13% हिस्सा हैं। ईरान -96%, अज़रबैजान-85%, इराक -60 / 70%, बहरीन -70%, यमन -47%, तुर्की- 28%, लेबनान -41%, सीरिया -17%, अफगानिस्तान -15%, पाकिस्तान -25%, और भारत -5%, खुरिजा मुस्लिम जो कम ज्ञात हैं। इस्लाम की पहली शताब्दी में तीन प्रमुख संप्रदायों का जन्म हुआ:- सुन्नी, शिया और खारिजी। अफगानिस्तान और पाकिस्तान में सुन्नी मुसलमान बहुसंख्यक हैं, जो अहमदिया और हजारा जैसे अपने ही धर्म के अल्पसंख्यकों का विरोध करते हैं। तालिबान के आतंकी हजारा समुदाय के लोगों को न केवल गोली मार देते हैं, बल्कि इनके समुदाय की महिलाओं के साथ भी बुरा सलूक करते हैं। हजारा फारसी, मंगोलियाई और तुर्क वंश का एक अफगान जातीय अल्पसंख्यक समूह है। इन्हें मंगोल शासक चंगेज खान का वंशज भी माना जाता है।