Who are the real culprits who broke the lockdown by laborers at Bandra station?
देश में बढ़ते कोरोना संक्रमितों की संख्या में लगातार बढ़ोत्तरी की वजह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 14 अप्रैल 2020 को लॉकडाउन 2.0 की घोषणा की जो 03 मई 2020 तक चलेगा। जो लोग रोजगार के चलते पश्चिम बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश और झारखंड व् अन्य प्रदेशों में गए वे इस आस में थे कि मोदी जी अपनी घोषणा में हम लोगों को अपने घरों तक पहुँचाने कि बात जरूर करेंगे मगर हुआ उल्टा। इन मजदूरों को भरोसा था कि आज लॉकडाउन खत्म हो जाएगा और वे पहली ट्रेन से ही अपने गांव वापस जाएंगे। महाराष्ट्र जो कि कोरोना के संक्रमण में देश में प्रथम स्थान पर है वहां के प्रवासी मज़दूर इस बात से भड़क गए और बांद्रा स्टेशन पर जाकर इक्कठा होकर घर वापसी के नारे लगाने लगे। बांद्रा में जमा करीब 3,000 लोगों की भीड़ पर मजबूरन पुलिस को लाठी चार्ज करना पड़ा, साथ ही 1000 लोगों पर FIR हुयी है जिसमे कोई TV पत्रकार के खिलाफ FIR उसे गिरफ्तार किया गया है।
अब ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर इन लोगों का कसूर क्या था. देखिये क्या क्या कारण है –
1- टीवी पत्रकार जिसके खिलाफ उस खबर को लेकर प्राथमिकी दर्ज की गई जिसमें कहा गया था कि ट्रेन सेवाएं बहाल होंगी, और इस खबर के चलते उपनगर बांद्रा में मंगलवार को प्रवासी कामगार उमड़ पड़े।
2- वो भय का माहौल जिससे इन्हें लगा कि अब इसी हाल में उन्हें पूरा मई महीना गुजारना पड़ेगा।
3- प्रवासी मजदूरों को गुमराह करने वाले और बांद्रा रेलवे स्टेशन पर इकट्ठा करने वाला आरोपी विनय दुबे।
4- इनकी सुनवाई न करने वाला शासन-प्रशासन।
5- सरकार अगर विदेशों से प्रवासियों को भारत हवाई जहाज के रस्ते ला सकती है तो इन मज़दूरों को उनके घर तक जाने इजाजत क्यों नहीं मिल रही है?
6- 14 अप्रैल 2020 तक रेलवे द्वारा बेचे गए 39 लाख टिकट जिनकी यात्रा अवधि 15 अप्रैल 2020 से शुरू होने वाली थी, जिसे इस वजह से कैंसिल कर दिया गया कि लॉकडाउन की अवधि 03 मई 2020 तक बढ़ा दी गयी है। रेलवे ने इससे पहले 14 अप्रैल से आगे की ट्रेन यात्रा के लिए ट्रेनों के टिकटों की बुकिंग को निलंबित नहीं किया था और न ही पूर्वत में इसकी कोई सूचना दी थी। फ़िलहाल रेलवे ने रिफंड की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
इस मामले में आम आदमी पार्टी से राजयसभा संसद संजय सिंह ने रेलवे पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया है कि-
मज़दूरों की कमी निकाली जा सकती है लेकिन 39 लाख टिकट बेचने वाले रेल मंत्रालय की कमी कौन निकालेगा? जब लॉक डाउन बढ़ना ही था तो दो दिन पहले ही टिकट और ट्रेन रद्द करने की सूचना व्यापक पैमाने पर देनी चाहिये थी। https://t.co/W2GtVCxgCK
— Sanjay Singh AAP (@SanjayAzadSln) April 14, 2020
साथ ही कांग्रेस के रणदीप सिंह सुरजेवाला ने सरकार की नीतियों पर तंज कस्ते हुए ट्वीट किया है कि-
मा: मोदीजी,
देश आज इन 7 बातों/सप्तपदी पर रोडमैप चाहता है-:
3. पलायन कर चुके करोड़ों मज़दूर आज रोज़गार-रोटी के संकट से जूझ रहे हैं।
इस सवेंदनशील व मानवीय मसले पर आपकी ऐक्शन प्लान क्या है? https://t.co/I76nRCxAuj
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) April 14, 2020
वहीँ अहमद पटेल ने सरकार की कार्यशैली पर कुछ सवाल भी उठाये हैं-
Role of Railway Ministry must be scrutinised for this crisis amongst migrants
1)Why were train services abruptly stopped leaving migrants stranded?
2)Why was railways accepting bookings,despite no clarity on lockdown extension? pic.twitter.com/SqVMfExEsR
— Ahmed Patel Memorial (@ahmedpatel) April 14, 2020
इस मामले में गृह मंत्री अमित शाह ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को फोन किया और बांद्रा में जुटी भीड़ को लेकर चिंता व्यक्त की। गृह मंत्री ने जोर देकर कहा कि इस तरह की घटनाओं से भारत की कोरोनो वायरस के खिलाफ लड़ाई कमजोर होती है और ऐसी घटनाओं से बचने के लिए प्रशासन को सतर्क रहने की जरूरत है। उन्होंने महाराष्ट्र सरकार को अपना पूरा समर्थन भी दिया है।
मुंबई पुलिस ने एपिडेमिक एक्ट की धारा 3 और आईपीसी की धारा 143, 147, 149, 186 और 188 के तहत करीब 800 से 1000 अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया जबकि मजदूरों को गुमराह करने वाले आरोपी विनय के खिलाफ एपिडेमिक एक्ट (महामारी एक्ट) की धारा 3 और आईपीसी की धारा 117, 153 ए, 188, 269, 270 और 505 (2) के तहत मामला दर्ज किया है।