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कोरोना काल में चीन वैक्सीन की जगह क्यों कर रहा है एटमी परीक्षण, क्या ये है उसकी World War-3 की तैयारी।

Why China is doing atomic tests instead of the vaccine in the corona era, Is this his preparation for World War-3?

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दुनियाँ के लगभग 209 देश कोरोना की मुसीबत से लड़ रहे हैं। उनके यहाँ लॉकडाउन चल रहा है, सारे उद्योग धंदे बंद पड़े हैं, लाखों की तादात में लोग अपने प्राण गँवा चुके हैं और ये सब हो रहा है चीन के अब तक के सबसे खतरनाक मंसूबे के तहत। चीन की विस्तारवादी सोच और धूर्तता को पूरी दुनियाँ जानती हैं। इसी धूर्तता के चलते जब सबको पता चल गया कि कोरोना वायरस वुहान की प्रयोगशाला में बनाया गया था जिसका उपयोग चीन बायोवेपन की तरह करता, मगर इससे पहले उसका परीक्षण कर पता उसका भंडा-फोड़ हो गया। कोरोना वायरस को दुनियाँ के सामने सबसे पहले लाने वाले डॉक्टर (Li Wenliang) और पत्रकार (Fang Bin) को तो हमेशा के लिए खामोश ही कर दिया गया।

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इसी बात के चलते अमेरिका सहित कई देशों ने कोरोना से हुयी आर्थिक क्षतिपूर्ति के लिए चीन को नोटिस भेजने की तैयारी कर रहे हैं। उधर चीन ने कहा हैं कि वह अपराधी नहीं बल्कि खुद पीड़ित हैं। अमेरिका का विशेष जाँच दल चीन जाकर इस बात की सच्चाई का पता लगाना चाहता था बावजूद इसके कि इस जाँच में सहयोग करे उसने इस जाँच में सहयोग से इंकार कर दिया। इसके अलावा अमेरिकी राष्‍ट्रपति ट्रंप ने WHO की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा था कि दुनिया में कोरोना महामारी का प्रकोप इस संगठन की लापरवाही के कारण हुई है। उन्‍होंने WHO पर चीन के साथ सांठगांठ का भी आरोप लगाया था। संगठन को कोरोना के खतरों के बारे में काफी समय पहले से पता था, लेकिन उसने देरी से कदम उठाए। जिसके चलते अमेरिका ने कोविद-१९ को चाइनीज़ वायरस और वुहान वायरस तक बुलाना शुरू कर दिया था। इस महामारी को लेकर चीन के साथ-साथ WHO की दुनियाभर में आलोचना हो रही है। चीन से WHO के डायरेक्टर की चीन के साथ सांठ-गाँठ को लेकर एक तस्वीर बहुत वायरल हुयी थी।

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चूँकि चीन को इस बात का अंदर ही अंदर डर सताने लगा हैं कि देर सबेर कभी न कभी इस बात का भेद खुल जायेगा. तो चीन लोप नूर टेस्ट साइट पर कम तीव्रता वाले परमाणु बम तैयार कर एटमी परीक्षण कर रहा है. सैटेललाइट चित्रों से इस बात की पुष्टि होती हैं कि लोप नुर टेस्ट साइट में बड़े स्तर पर खुदाई की गई है. अमेरिका के गृह विभाग ने चीन पर परमाणु परीक्षण का आरोप लगते हुए कहा हैं कि – “चीन ने जमीन के नीचे परमाणु परीक्षण कर रहा हैं. इन परमाणु परीक्षणों पर चीन, नार्थ कोरिया और पाकिस्तान साथ में काम कर रहे हैं और इनसे किसी छोटे इलाके को निशाना बनाना आसान होता है. जहाँ एक तरफ दुनिया कोरोना की वैक्सीन बनाने की तैयारी में जुटी है, कहीं पर जानवरों तो कहीं पर मानवों पर टीके का परीक्षण किया जा रहा है लेकिन इस मुश्किल वक्त में चीन एटमी परीक्षण कर रहा है.”

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